Case of cheating people by posing as ED officer: Accused Alamjeet's bail plea rejected

ईडी अफसर बनकर लोगों से ठगी करने का मामला: आरोपी आलमजीत की जमानत याचिका खारिज

आम आदमी पार्टी द्वारा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के खतरनाक प्रयास सोशल मीडिया पर बुलबुले की तरह फट गए

Case of cheating people by posing as ED officer: Accused Alamjeet's bail plea rejected

चंडीगढ़। चंडीगढ़ फर्जी ईडी ऑफिसर बनकर लोगों से ठगी करने के मामले में मोहाली के रहने वाले आलमजीत सिंह मान की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। आलमजीत पर पिछले महीने सेक्टर-19 थाना पुलिस ने आइपीसी की धारा 419, 467, 468, 471, 473, 120बी के तहत केस दर्ज किया था।

आलमजीत के वकील ने दायर याचिका में कहा था कि एसएसपी चंडीगढ़ के एसएसपी कुलदीप सिंह चहल की उससे दुश्मनी है, इसलिए आलमजीत को जानबूझकर झूठे केस में फंसाया गया है।

बता दें कि मोहाली के रहने वाले आलमजीत सिंह मान पर फर्जी ईडी ऑफिसर बनकर लोगों से मोटी रकम ठगने का आरोप है। 

आलमजीत के वकीन ने कहा वह तो एक सोशल वर्कर है लेकिन पुलिस उसे एक अपराधी के तौर पर दिखा रही है। वहीं, सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आलमजीत ईडी के अफसरों के नाम से जाली आइडी कार्ड बनाता था। उन काड्र्स के जरिए आरोपित और सह-आरोपित तरनजीत सिंह मिलकर लोगों से ठगी करते थे। सरकारी वकील ने कहा कि अगर आलमजीत को जमानत मिल गई तो वह गवाहों को धमका सकता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी

यह है मामला

पुलिस ने ईडी के डिप्टी डायरेक्टर अजय सिंह की शिकायत पर ये केस दर्ज किया था। शिकायत में बताया था कि गिरीश त्यागी और जितेंद्र कुमार नाम के शख्स खुद को ईडी ऑफिसर बताते हैं जबकि इन नाम से ईडी में कोई ऑफिसर कार्यरत नहीं है। जांच के दौरान पुलिस को दो मोबाइल नंबर मिले। उन नंबर की जांच की गई तो पता चला कि वे नंबर तरनजीत सिंह के थे। फिर पुलिस ने तरनजीत को अरेस्ट किया। उसने बताया कि वह खुद को ईडी ऑफिसर गिरीश त्यागी बताता था और भोले-भाले लोगों को ठगता था। उसकी ठगी में आलमजीत सिंह मान भी शामिल था।